Sunday, August 14, 2011

मैहर में हुआ मेरा मुंडन संस्कार

हेल्लो दोस्तों
  इस बार मै आपको मैहर ले जाऊंगा जहा माता शारदा देवी विराजमान है


चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है .. ... ... हम दिल्ली वासी ये गाना अक्सार माता वैष्णव देवी के लिए गाते है पर भारत में ऐसी और भी देवियाँ है जिनके बुलावे पर भक्त नंगे पांव दौड़े चले जाते है.
ऐसी ही माता है मैहर की शारदा माता जहाँ भक्तों का ताँता लगा रहता है . लोग मन्नत मांगने यहाँ आते है और मन्नत पूरी होने पर माता का धन्यवाद देने.
एक  और काम है जिसके लिए लोग यहाँ आते है और वो है बच्चो का मुंडन संस्कार. हम भी इसी मकसद से माता के दरबार में गए. भई मेरा मुंडन जो होना था.


वैसे भी अपने लम्बे बालों से मै पूरी गर्मी परेशान रहा और अगर इस महीने यानि ११ महीने भी मेरा मुंडन न होता तो मुझे पूरे एक साल और इन्तजार करना पड़ता जो काफी मुश्किल काम था.
सो मम्मा डैडी ने सोचा कि ११ महीने में ही मेरा मुंडन हो जाना चाहिए.
सो हम सब पहुँच गए माता के दरबार में. मै मम्मा डैडी,अर्चना बुआ, कल्पना बुआ आशुतोष फूफा जी,बड़े फूफा जी और आचल और आयुष.
माता के मंदिर में आकर जाने का मन नहीं करता
वहा हर नज़ारा आपको अपना बना लेता है

हम सब वहां ट्राली से गए बड़ा मज़ा आया. मुझे भी और आयुष और आँचल को भी
आयुष अर्चना बुआ और आशुतोष फूफाजी का बेटा है मुझसे बस एक हफ्ते बड़ा है पर बहुत रोता है


कई बार तो मुझे उसको चुप करवाना पड़ा
मदिर में मेरे कई चाहने वाले भी मिल गए जिन्होंने मेरे साथ कई फोटो खिचवाई.

 फिर हम नीचे आ गए जहा मेरा मुंडन हुआ

  मै बिलकुल भी नहीं रोया क्योंकि मै एक अच्छा बच्चा जो हूँ.


मैहर जाकर मुझे तो बड़ा अच्छा लगा इसलिए मै आपसे कहता हूँ एक बार मैहर जरुर जाना . माँ शारदा के दर्शन के लिए