हेलो दोस्तों
मैंने कहा था न की मै अपनी पहली होली की यादें आपके साथ बाटूंगा ,तो हाज़िर हूँ मै. हाँ कुछ ज्यादा ही लेट हो गया मै अपनी यादों को समेटने में पर जब आप सीरियल में हफ़्तों बाद तक होली देख सकते या यूँ कहूँ की झेल सकतें है तो मै तो आपका प्यारा दर्श हूँ और ये मेरी पहली होली थी तो थोड़ा तो adjust कर ही सकते है न .
इस बार मैने होली मेरठ में मनाई. मम्मा-डैडी के frd राहुल अंकल और प्रियंका आंटी के यहाँ. उनके घर पर मेरी प्यारी बहन लावण्या भी है. हम प्यार से उसे लवी बुलाते है.
लवी और मेरा साथ कुछ हटकर ही था
कभी मै रोता तो लवी हँसती
और कभी लवी रोती तो मै हँसता
ऐसे ही हमारा टाइम पास होता था.फिर मै थककर सो जाता था
वहा राहुल अंकल के landlord भी थे.
उन्होंने दो दिन में मुझे इतना प्यार दिया की मेरा तो वहा से आने का मन ही नहीं हो रहा था.वैसे भी मै और मेरे जैसे और भी बच्चे जो मेट्रो सिटी में रहते है वो नानी नाना, दादा दादी के ऐसे प्यार के लिए तो तरसते ही रहते है. ऐसे में कोई उन अंकल आंटी जैसा प्यार करने वाला मिल जाये तो तो किसका मन करेगा ऐसी जगह से आने का.
लवी और मेरा साथ कुछ हटकर ही था
कभी मै रोता तो लवी हँसती
और कभी लवी रोती तो मै हँसता
ऐसे ही हमारा टाइम पास होता था.फिर मै थककर सो जाता था
वहा राहुल अंकल के landlord भी थे.
उन्होंने दो दिन में मुझे इतना प्यार दिया की मेरा तो वहा से आने का मन ही नहीं हो रहा था.वैसे भी मै और मेरे जैसे और भी बच्चे जो मेट्रो सिटी में रहते है वो नानी नाना, दादा दादी के ऐसे प्यार के लिए तो तरसते ही रहते है. ऐसे में कोई उन अंकल आंटी जैसा प्यार करने वाला मिल जाये तो तो किसका मन करेगा ऐसी जगह से आने का.
ये है अंकल आंटी के बेटे .एक मज़े की बात बताऊँ मैंने उनके बेटे को उसके ही कमरे से भगा दिया था. बस मै उसको देखकर रोने लगता और सब मिलकर उसको कहते तू बाहर जा, बच्चे को रुला रहा है. सच बड़ा मज़ा आया था.वैसे he is very cool gye .
खैर होली की बात करते है. हमने जमकर होली खेली.
सबने मुझे और लवी को रंग लगाया.हमारी पहली होली का रंग. मज़ा आ गया.
सबने मुझे और लवी को रंग लगाया.हमारी पहली होली का रंग. मज़ा आ गया.
पेपर भी पड़ता रहा ताकि दुनिया की खबरों से अनजान न रहूँ
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