Thursday, July 23, 2015

मैं हूँ आपका दर्श


मैं हूँ आपका दर्श 

हेलो दोस्तों आशा है आप मुझे भूले नहीं होंगे। मैं वही हूँ आपका अपना जाना पहचाना दर्श यानि अथर्व देवांगन।माना इस बार आपसे रु ब रु होने में थोड़ा सा ज्यादा वक्त लगा दिया मैंने पर इसका मतलब ये तो नहीं कि आप मुझे एकदम भूल ही जायेंगे। क्या कहा कुछ याद आ रहा है पर सबकुछ नहीं।कोई बात नहीं मैं याद दिलाता हूँ 



मैं वही हूँ छोटा सा प्यारा सा दर्श जो अपने मामा का प्यारा है. आपको पता है मेरे मामा की शादी हो गई. वो कहानी भी बताऊंगा पर बाद में अभी तो अपने बारे में बताऊँ न 

मैं वही दर्श  हूँ जो अपने डैडी का लाडला है. मेरे डैडी दिनेश देवांगन इंडिया टीवी में है ये तो याद है न 

और मेरी मम्मा याद है न.उनकी आँखों  का तारा  हूँ मैं. मेरी मम्मा रिपोर्टर है ये भी पता है न. 

सच में बहुत समय बीत गया. आपको मेरी याद ही नहीं रही. अब कितना और क्या क्या याद दिलाऊं माना इस बीच कई त्यौहार भी बीत गए और उन त्योंहारों में भी मैं आपसे दूर रहा.

कई जगह घूम भी आया मैं वो भी बताना है आपको। मेरी हर याद का साक्षी जो बनाना है आपको 

कैसे मैंने मम्मा के साथ अठखेलियां की और कैसे डैडी के साथ मस्ती की वो भी तो बताना है.

अपने साथ आपको कई जगहों की सैर पर भी ले जाना है. अब मैं घूम लूँ और आपको वहां की बात न बताऊँ ये तो ठीक नहीं होगा। कितना कुछ है मेरे अंदर आपको को कहने के लिए, सबकुछ बताना है आपको।



मन की बात करनी है ठीक हमारे pm मोदी की तरह. आपको पता है जब भी कोई मुझसे पूछता है who is the prime minister of india?
मैं झट से कहता हूँ 
नरेंद्र मोदी। 
हा तो मैं भी मन की बात करने की बात कर रहा हूँ.. अब मेरे पास तो रेडिओ है नहीं तो आपसे ही करूँगा न अपने मन की बात. ढेरों बात।  मेरी इतनी बातें सुनकर तो याद आ ही गया होगा कौन हूँ मैं ?




इस बार पक्का वाला वादा है नहीं करवाऊंगा आपको ज्यादा इंतज़ार। मेरे पास बहुत कुछ है बताने को और आप सुनेगे मुझे पता है. क्या कहा 
क्यों ?
क्योंकि आप मुझसे प्यार जो करते है. तो दर्श के इस कोने को अपने जीवन में एक छोटा सा कोना दीजिये। मुझे पता है वो कोना खाली है क्योकि वो मेरा कोना है 
दर्श का कोना 

Wednesday, August 14, 2013

हेलो दोस्तों 

happy independence day 
 

मै एक बार फिर हाज़िर हूँ आपके सामने। आजकल मै थोडा ज्यादा ही बिजी हूँ स्कूल और घर में.

 पर स्वतंत्रता दिवस पर मै  खुद को रोक नहीं पाया आपसे रूबरू होने से 



मैंने सुना हैकि एक समय था भारत में जब बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे  कहना गुनाह हुआ करता था. सच है क्या? अगर ऐसा है तो मै और मेरे जैसे सरे बच्चे खुशनसीब है कि हमने आजाद भारत में जनम लिया। 




  आज तो स्वतन्त्र लोकतंत्र हमें हर सच कहने की आज़ादी देता है। तभी तो शासन-प्रशासन और व्यवस्थागत तब्दीलियों के विचार-विमर्श में भी सब लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
पर मम्मा डैडी कहते है कि इस आज़ादी को बरक़रार रखने के लिए बर्फानी मौसम के थपेड़ों से लापरवाह सीमा पर तैनात हमारे जवान हमारे  मुल्क की हिफाज़त कर रहे हैं। 


तभी तो हूँ जैसे बच्चे गली-कूचों से प्रभात फेरी निकाल पते है और हमारी चुहल इंद्रधनुषी छटा बिखेरती है। 




एक बार फिर शहीदों को नमन और आप सब को happy independence day








Thursday, May 30, 2013

माय नेम इज अत्तापट्टी देमागम

स्कूल चले हम .. ... ... ... ... ... ..


हेलो दोस्तों



मै  काफी दिनों बाद आप से मुखातिब हो रहा हूँ तो क्यों न एक बार फिर से आपको अपना परिचय दे दूँ

माय नेम इज अत्तापट्टी देमागम यानि अथर्व देवांगन

इस बार तो मैंने सच में हद ही कर दी आप लोगो से कितने दिनों से दूर हूँ। पर क्या करूँ मेरे जीवन में भी इस दौरान काफी बदलाव आ गए। मेरा नाम भी बदल गया है क्योंकि अब मै स्कूल जाने लगा हूँ।


 स्कूल में मेरा नाम है अत्तापट्टी देमागम यानि अथर्व देवांगन यानि आपका दर्श। अरे भई अथर्व स्कूल का नाम है।मेरे स्कूल का नाम है नीओ किड्स जो मुझ जैसे छोटे बच्चों का स्कूल है यानि प्ले स्कूल है।

जब पहले दिन मै स्कूल गया थो काफी हैरान परेशान था कि मम्मा डैडी मुझे घुमाने का बहन बनाकर ये कहा ले आये.


 सच कहूँ तो उस दिन तो मुझे बिलकुल भी मज़ा नहीं आया



पर धीरे धीरे अब मुझे स्कूल जाना अच्छा लगने लगा है।

 जैसा कि आप  देख रहे है मेरे स्कूल में चार कलर की यूनिफार्म है। आपको भी पता है कि ये ठाट बस प्ले स्कूल में हो सकता है। उसके बाद तो एक ही रंग की बोरिंग सी यूनिफार्म बारह सालों तक पहननी है।



वहां मैं काफी कुछ सीख रहा हूँ जैसे

व्हाट इज योर नेम ?

माय नेम इज अत्तापट्टी देमागम

व्हाट इज योर मदर्स नेम ?
नीमल देमागम

व्हाट इज योर फादर्स नेम ?
दिन देमागम

और हा मैंने abc भी सीखी है।

साथ ही पोयम, पेंटिंग, थम्ब एक्सप्रेशन एंड सिंगिंग भी।


इस पिक को देखकर आप ये मत सोचिये मै भी दूसरे बच्चों की तरह कार्टून का दीवाना हूँ। मै कार्टून बिलकुल भी नहीं देखता हूँ। अब स्कूल जाने लगा हूँ तो न्यूज़ से अपडेट रहना पड़ेगा न
अरे हाँ मैंने मम्मा की पिक्स भी ली है है उनके मोबाईल से
अब डैडी की कला का कुछ नमूना तो मै भी दिखाऊंगा ही न

मम्मा के हाथ में टैटू दिखा वो मेरा नाम है दर्श  इससे साबित होता है की मम्मा मुझसे कितना प्यार करती है। मम्मा मै भी बड़ा होकर आपके नाम का टैटू बनवाऊंगा अगर तब भी इसका फैशन रहा तो


चलो इस बार इतना ही पर इस वादे के साथ जा रह हूँ कि अब आपसे ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रहूँगा।

ओके बाय।

Thursday, October 4, 2012

मेरा हैप्पी वाला बर्थडे

हेल्लो दोस्तों

 इस बार आपसे रूबरू होने में थोडा वक़्त लग गया क्योंकि मै थोडा बिजी था। अब ये मत पूछना कि कहाँ बिजी था क्योंकि ये तो मै भी नहीं बता सकता कि कहा बिजी था।पर सारा दिन काम काफी रहता है मुझे। अब मै  कुछ लम्बा हो गया हूँ तो मेरी हद बढ़ गई है। अब आप पूछेंगे कि किस चीज़ कि तो मम्मा कहेगी कि शैतानियों की और मै कहूँगा मेरे खोजी दिमाग की।
  खैर ये सब तो चलता ही रहेगा। अभी तो मै आपके साथ अपने बर्थडे की खुशियाँ बांटने आया हूँ। जैसा कि आप सब जानते है 13 सितम्बर को मेरा हैप्पी वाला बर्थडे था। इस बार तो मज़े ही मज़े किये मैंने अपने बर्थडे पर।
सबसे पहले तो मैंने पूरे रेस्टोरेंट का जायजा लिया ताकि मेहमानों को किसी  तरह कि  शिकायत न रहे आप सभी तो जानते ही है कि ये सारे काम मै ही करता हूँ।



 इसके बाद मेरे सरे गेस्ट आने लगे जैसे aushi  दीदी, लवी, समीर बाबू 


और मम्मा डैडी के ढेर सारे  फ्रेंड



 फिर आया मेरा केक


मेरे दूसरे बर्थडे का टेस्टी केक।

अब पहले बर्थडे का पहला तो मुझे याद नहीं पर इस बार का याद रहेगा मैंने केक काटा
 इसके बाद सबने मुझे केक खिलाया
मम्मा ने
 डैडी ने
 नानी ने
 फिर हुआ मेरा फोटो सेशन । सब के साथ बारी बारी क्योंकि मै उस दिन का हीरो जो था


 ये है मेरी मम्मा के जिम के फ्रेंड

 और ये है डैडी  के ऑफिस के दोस्त


डॉली  आंटी  और समीर बाबू  की मम्मा को आप  जानते ही

 ये है नेहा आंटी और अनुश्री आंटी

इस बीच मैंने खाने का जमकर आनंद उठाया।आप तो जानते है खाने के मामले मै आगे ही रहता हूँ
इस तरह मज़े मज़े में हमने सबको विदा किया


फिर घर आकर पार्टी को याद भी किया सच बड़ा मज़ा आया

अरे हा राखी पर मै मेरठ भी गया था लवी से राखी बंधवाने
 

  लवी ने मुझे राखी बंधी और मैंने उसको गिफ्ट दिया

मम्मा डैडी और प्रियंका आंटी और राहुल अंकल कह रहे थे की हम बड़े हो गए है। अरे कोई इन लोगो को समझाए बच्चे समय के साथ बड़े ही तो होंगे न। कमाल करते है ये बड़े भी .



चलिए आज के लिए काफी हो गया जल्दी ही फिर आता हूँ अपनी दुनिया के कोने कोने की खबर लेकर

तब तक बाय बाय